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गर्मियों मैं पक्षियों के बचाव के लिए मुसाबनी के तिन यूवकों ने पिआउ की व्यवस्था की

गर्मियों मैं पक्षियों के बचाव के लिए मुसाबनी के तिन यूवकों ने पिआउ की व्यवस्था की 

मटका को पेडों पर लटकाते तीनों मित्र 

मुसाबनी ;- अक्सर गर्मियों मैं पानी का मोल पता चलता है. इसीलिए तो जल ही जीवन है कहा गया है.गर्मियों में मनुष्य अपने लिए पानी की व्यवस्था कहीं से भी कर ही लेते हैं.लेकिन पशु-पक्षियों के लिए तो जीवन मरण का दिन बन जाता है.ग्रामीण इलाकों में इस वर्ष गर्मियों में लगातार जंगलों में आगजनी की घटना हो रही है. ऐसे में पशु-पक्षियों की क्या स्थिति हो रही होगी आपको बखूबी समझ में आ रहा होगा.वही पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत मुसाबनी प्रखंड स्थित फुलझड़ी गांव के तीन युवकों ने पक्षियों को पानी की व्यवस्था करने का बीड़ा उठाया है. तीनों युवक सुनील पातर, कमल पातर एवं मानिक पातर भीषण गर्मी में आसपास के जंगलों में पक्षियों को पीने के पानी के लिए पिआउ की व्यवस्था करने में जुटे हैं. तीनों मित्र लगातार तीन दिनों में बाग़जाता गांव के डूंगरी, अर्जुन चौक तथा दलमाकोचा के जंगलों में पेड़ों की टहनियों में मटका बांधकर पानी भर रहे हैं,ताकि पक्षियों को समय पर पीने का पानी मुहैया हो सके और उसकी जान बच सके. अब तक इन युवकों ने 20 पेड़ों में मटका लगाकर रोजाना पानी भर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में भीषण गर्मी में हर वर्ष नदी-नाला सूख जाते है. ऐसे में पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलने की संभावना कम हो जाती है .पानी नहीं मिलने से उनकी संख्या घटने का खतरा बना रहता है.इन ग्रामीण युवकों के प्रयास से पक्षियों को काफी राहत मिल रही है.रोजाना तीनों मित्र सवेरे बोतल में पानी भर कर पैदल जंगलों में जाकर पेड़ों में रखी हुई हंडियों में पानी भरते हैं,ताकि पक्षियों को पानी के लिए इधर-उधर  भटकना ना पड़े.सुनील पातर ने बताया कि वह एक दिन अपने घर के पीछे एक पेड़ के नीचे काम कर रहा था. उसी वक्त वह देखा कि काफी संख्या में पक्षी पेड़ के ऊपर बैठे हैं और उसे देख रहा है .वह उस वक्त एक कटोरे में पानी रखकर चला गया. कुछ दूर जाने पर उन्होंने देखा कि सारे पक्षी पेड़ से उतर गए हैं तथा पानी पीने में लग गए हैं.तभी उनको यह एहसास हुआ कि शायद जंगलों में पानी की कमी हो गई है,जिसके कारण पक्षी पाने के लिए तरस रहे हैं.उसके मन में यह विचार आया कि वह आसपास के जंगलों में जाकर पेड़ों में मटका लटका कर पक्षियों के लिए पिआउ की व्यवस्था करेंगे जिससे पक्षियों की प्यास बुझ सके और गांव का वातावरण पक्षियों की चहचहाहट से हमेसा खुशहाल बना रहे.

मटका व पानी लेकर खड़े तीनों यूवक 



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