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सामाजिक संगठनों ने मनाया वारंगक्षिति लिपि के जनक ओत गुरु कोल लाको बोदरा का पुण्यतिथि

सामाजिक संगठनों ने मनाया वारंगक्षिति लिपि के जनक ओत गुरु कोल लाको बोदरा का पुण्यतिथि 


ओत गुरु कोल लाको बोदरा 

चाईबासा : आदिवासी हो समाज महासभा व  कला एवं संस्कृति भवन हरिगुटू द्वारा संयूक्त रूप से 29 जून को चाईबासा में वारंग क्षिति लिपि के जनक ओत गुरु कोल लाको बोदरा का पुण्यतिथि मनाया गया। कार्यक्रम के पूर्व आदिवासी हो समाज युवा महासभा एवं सेवानिवृत संगठन के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महासभा के देशाऊली प्रांगण में साहूमिक गोवारि(प्रार्थना) किया।यहाँ लाको बोदरा द्वारा हो भाषा वारंगक्षिति  लिपि के योगदान को याद किया गया और संकल्प लिया गया कि समाज में भाषा-लिपि का प्रचार-प्रसार एवं विकसित करना हमारी जिम्मेदारी है।भाषा के हित में अधूरे कार्य को पूर्ण कर लाको बोदरा के विचारों को पूरा करना है।इस आशय के साथ आदिवासी हो समाज युवा महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. बबलू सुंडी की अगुवाई में लाको बोदरा के फोटो पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दिया गया।मौके पर डॉ. सुंडी ने संबोधित करते हुये कहा कि लाको बोदरा ने हो समाज को बहुत ही बहुमूल्य संपत्ति हो भाषा का लिपि वारंङ्ग क्षिति लिपि दिया हैl अब समाज की जिम्मेदारी बनती है की उसे आगे बढ़ाये, उसका प्रचार -प्रसार करे और हो समाज से जुड़े हर व्यक्ति घर -घर तक इस वारंङ्ग क्षिति लिपि को पहुंचना हैl इस अवसर पर सेवनिवृत संगठन पूर्व अध्यक्ष सेलाय हो शैलेन्द्र हेम्ब्रम, युवा महासभा केन्द्रीय उपाध्यक्ष रोयाराम लागुरी, महासचिव महासचिव इपिल समाड,सीकेपी अनुमंडल अध्यक्ष मदन बोदरा, जिला सचिव राम चंद्र सामड, लक्ष्मण सामड,मंगल सुन्डी,वशिष्ठ पिंगुवा,शंकर सिदू, ओयबन हेम्ब्रम,अर्जुन हेम्ब्रम, जामदार हेम्ब्रम, तुलसी बारी, कमला सिंकू,अशीष तिरिया,रामचंद्र जेराई,संजीव तिरिया,अकबर हासदा,सुरेश पिंगुवा,राधिका हेम्ब्रम आदि लोग उपस्थित थेl

पुण्यतिथि में उपस्थित सदस्य 


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